दीनार के बदले दीनार उधार बेचना कैसा है ? जानिए हदीस की रौशनी में
हदीस :
अबू सईद रज़ि० कहते हैं कि अशरफी को अशरफी के बदले और दिरहम को दिरहम के बदले बराबर बराबर बेचना जाइज़ है ।
उनसे कहा गया कि इब्ने अब्बास रज़ि० तो इसके पक्ष में नहीं यानी वह तो घटा बढ़ा करके बेचने के भी पक्ष में है ।
तो अबू सईद खुदरी रज़ि० ने कहा कि मैंने इब्ने अब्बास रज़ि० से पूछा था कि क्या तुमने ऐसा नबी सल्लसल्लाहु अलैहि वसल्ल्म से सुना है या अल्लाह की किताब ( यानी क़ुरआन ) में देखा है तो इब्ने अब्बास रज़ि० ने जवाब दिया कि मैं इन दोनों में से कोई बात नहीं कहता और तुम नबी सल्लसल्लाहु अलैहि वसल्ल्म की हदीस मुझसे अधिक जानते हो ।
लेकिन मुझे उसामा रज़ि० ने यह बताया है कि नबी सल्लसल्लाहु अलैहि वसल्ल्म ने फ़रमाया है सूद तो उधार ही में है ।
( बुखारी : 2178 )
( सही बुखारी सफा 610 )